विश्वकर्मा पूजा
- deepak9451360382
- Sep 15
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विश्वकर्मा जयंती हर साल 17 सितंबर को मनाई जाती है क्योंकि यह दिन कन्या संक्रांति के दिन पड़ता है, जिस दिन सूर्य कन्या राशि में प्रवेश करते हैं. हालाँकि कुछ मान्यताओं में भगवान विश्वकर्मा के जन्म को माघ शुक्ल त्रयोदशी या भाद्रपद की अंतिम तिथि से जोड़ा जाता है, लेकिन कन्या संक्रांति के आधार पर ही विश्वकर्मा पूजा का दिन तय किया जाता है. यह भी एक कारण है कि यह दिन हर साल 17 सितंबर के आसपास ही पड़ता है.
ब्रह्मांड के दिव्य वास्तुकार और शिल्पकार भगवान विश्वकर्मा के सम्मान में मनाई जाती है, जिन्हें दुनिया का पहला इंजीनियर और निर्माता माना जाता है. यह त्योहार शिल्प कौशल, औजारों, मशीनों और कुशल कारीगरों के महत्व को दर्शाता है. इस दिन, इंजीनियर, कारीगर, मजदूर और शिल्पकार अपनी मशीनों, औजारों और कार्यस्थलों की पूजा करते हैं ताकि उनके काम में बरकत हो और उन्हें सफलता मिले. विश्वकर्मा पूजा यह दर्शाती है कि कोई भी काम छोटा नहीं होता और हर कार्य का अपना महत्व है, जिससे समाज में श्रम और कारीगरी का सम्मान बढ़ता है.
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