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महाशिवरात्रि

सेवा में

संपादक जी

विषय .महाशिवरात्रि की संबंध में महोदय

फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को महाशिवरात्रि का पर्व समस्त सनातन धर्म के विभिन्न तरीके से खुशी मनाते हैं जो कि इस वर्ष 1 मार्च 2022 को है इस वर्ष धनिष्ठा नक्षत्र और पारीध योग और शतभिषा नक्षत्र और पारिध योग का विशेष शुभ संयोग है भारतीय ज्योतिष के अनुसार पारिध योग ने किया गया पूजन आर्थिक लाभ के लिए शुभ है उक्त जानकारी कानपुर के पंडित दीपक पांडे ने दी

महाशिवरात्रि को भगवान शंकर का ब्रह्मा जी से के रूप में उत्तरण हुआ था संकट काल के समय भगवान शिव तांडव किया था शिव तांडव करते हुए ब्रह्मांड को तीसरे नेत्र की ज्वाला समाप्त किया था इसलिए इसे महाशिवरात्रि कालरात्रि कहां जाता है

महाशिवरात्रि को दिन भर निराहार रहे तिल से स्नान करके सुंदर वस्तुओं से पूजन मंडप तैयार कर की विधि पूजन की वेदी पर कलर्स को जल भर कर के रोली मोली चावल पान सुपारी इलायची चंदन कमल गट्टा धतूरा बेल पत्री भगवान शिव को अर्पित करें रात्रि को रात्रि जागरण करके भगवान शिव का 4 बार आरती का विधान आरती का विधान जरूरी है दूसरे दिन प्रातः काल जो तिल खीर जो तिल खीर दिल पत्र बिल्वपत्र से हवन करें

पहला सायं काल शुभ मुहूर्त 6:30 से 9:09 तक

द्वितीय शुभ मुहूर्त 9:10 से 12:18 तक

तृतीय शुभ मुहूर्त 12:19 से 3:29 तक

चतुर्थ शुभ मुहूर्त 3:30 से 6:31 तक

मेष राशि के लोग शमी पत्र चढ़ाएं वृष राशि के लोग पकोड़े का पुष्प चढ़ाएं

मिथुन राशि के लोग शमी के पुष्प चढ़ाएं कर्क राशि के लोग बेल पत्र चढ़ाएं सिंह राशि के लोग धतूरा चढ़ाएं कन्या राशि के लोग शमी पत्र तुला राशि के लोग आंकड़े के पत्ते चढ़ाएं वृश्चिक राशि के लोग शमी के पुष्प चढ़ाएं धनु राशि के लोग बेलपत्र की के फल चढ़ाएं मकर राशि के लोग नीलकमल चढ़ाएं कुंभ राशि के लोग कनेर के फूल चढ़ाएं मीन राशि के लोग कनेर के पुष्प और बेलपत्र अर्पित करें

पंडित दीपक पांडे ने बताया भगवान शिव को जल अक्षत बिल्वपत्र और बम बम अत्याधिक प्रिय है भगवान शिव को श्रद्धा के साथ कुछ भी अर्पित करें बहुत उस संकल्प के साथ बुराई का त्याग का

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