top of page
Search
  • deepak9451360382

#single women#famous cases#अविवाहित महिलाएं successful marriage#best astrologer India #famous astro

Updated: Jan 20, 2022

लता मंगेशकर 14/11/1954.11:32am

हम बात करते हैं भारत की प्रसिद्ध आश्चर्य गायिका लता मंगेशकर जन्मपत्रिका का जो जीवन भर अविवाहित रही यद्यपि एक बार ऐसा सुनने में आया कि किसी भारतीय राजघराने युवक के साथ विवाह करने की इच्छा जाहिर की

ऐसा कहा जाता है कि जब वे पिता श्री दीनानाथ मंगेशकर पहली पत्नी के संतान के रूप में पैदा हुई तो पिताजी ने उन्हें जन्म पत्रिका के द्वारा लता मंगेशकर की जन्मपत्रिका बनाई और भविष्यवाणी की लता मंगेशकर विख्यात होगी और नाम होगा उक्त जानकारी कानपुर की पंडित दीपक पांडे बताया ..

जन्मपत्रिका में अविवाहित रहने की कुंडली का विश्लेषण केवल अपने दृष्टिकोण से ..

लग्न से सप्तमेश मंगल छठे भाव में राहु केतु जबकि अष्टम भाव में शनि ग्रह है अतः सातवां भाव पाप कर्तरी मैं स्थित है

पंडित दीपक पांडे ने बताया शुक्र निर्भीज राशि स्थित है शुक्र ग्रह से सप्तमेश शनि ग्रह पंचम स्थित है

चंद्रमा से सप्तमेश शनि ग्रह भी छठे घर में स्थित है जो विवाह के लिए अनुकूल नहीं है

पंचम भाव में निरबीज राशि है जिसमें सूर्य वक्री ग्रह बुध के साथ स्थित है और शनि ग्रह से दृष्ट है यह संतान पक्ष को पीड़ित कर रहा है

नवांश कुंडली में देखें . लग्न कुंडली में स्थित इतनी स्पष्ट नहीं है इसलिए नवांश कुंडली देखना जरूरी है यहां पर कन्या लग्न में राहु केतु के प्रभाव में वक्री बुध है और अष्टम भाव काफी पीड़ित है शुक्र से सप्तम मंगल और शनि ग्रह से पीड़ित है सप्तमी शनि ग्रह भी मंगल वा सूर्य ग्रह से पीड़ित है चंद्रमा सप्तम शनि ग्रह से दृष्ट है सप्तमेश बुध वक्री है

पंडित दीपक पांडे ने बताया चंद्रमा से अष्टम भाव मंगल शनि ग्रह से पीड़ित है

मेष राशि से सप्तम भाव में मंगल केतु हैं .

सप्तम पद कन्या में है इसमें से वक्री बुध ग्रह सूर्य के साथ स्थित है pt.deepak pandey astrologer 0-9305360382 india

www.vaastuinkanpur.com


3 views0 comments

Recent Posts

See All

Vastu

As per Vastu, the main door should be constructed in a way to ensure that when you step out, you face the north, east or north-east direction As the old saying goes “Home is where the heart is.” Many

शुभ कार्य शुरू

खरमास समाप्त, गूंजेगी शहनाइयां 13 अप्रैल सूर्य के राशि परिवर्तन के बाद 18 तारीख से फिर शादियों का दौर शुरू हो जाएगा खरमास खत्म होते ही विवाह, देव प्रतिष्ठा, नए घर का निर्माण, गृह प्रवेश जैसे मांगलिक क

नवरात्री

नवरात्र के नौ दिन देवी दुर्गा के विभिन्न रूपों की पूजा की जाती है। नवरात्र व्रत की शुरूआत प्रतिपदा तिथि को कलश स्थापना से की जाती है। नवरात्र के नौ दिन प्रात:, मध्याह्न और संध्या के समय भगवती दुर्गा क

Post: Blog2_Post
bottom of page