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Updated: Oct 29, 2021

सेवा में

संपादक महोदय

विषय . अन्नपूर्णा खजाना लुटाती हैं काशी में

महोदय . काशी पूरा आधी श्री मां अन्नपूर्णा अपने वासियों के लिए वर्ष में 4 दिन भक्तों को खजाना देती है धनतेरस से अन्नकूट के बीच मां की स्वर्णमई प्रतिमा के दर्शन और खजाना वितरण के लिए देश के कोने-कोने से श्रद्धालु आते हैं सर्वाधिक भीड़ दक्षिण भारत के विभिन्न राज्यों से आती है उक्त जानकारी कानपुर के पंडित दीपक पांडे ने

श्री विश्वनाथ मंदिर परिक्षेत्र में स्थित मां अन्नपूर्णा का दरबार धनतेरस को खुल जाता है सिर्फ 4 दिन अन्नपूर्णा की स्वर्णमई विग्रह का दर्शन सुलभ होंगे हनी के रूप में मिले सिक्के वाहन के लावा को तिजोरी और पूजा स्थल पर रखते हैं मानता है मां शारदा तिजोरी और पूजा स्थल पर धन रखने से संपूर्ण वर्ष धन और अन्य की कमी नहीं होने देती है

कैसा है अन्नपूर्णा का स्वरूप . मां अन्नपूर्णा का रंग के समान है बंधक( ध ऊ मंत्रा लगा ले ) फूलों के मध्य आभूषणों से विभूषित होकर अन्नपूर्णा देवी प्रसन्न मुद्रा में स्वर्ण सिंहासन पर विराजमान है भाई हाथ में अन्य से पूर्व माणिक रत्न से अपात्र दाएं हाथ में रत्नों से बना है

अकाल पड़ा काशी में . एक बार काशी में अकाल पड़ा तू महादेव नी अन्नपूर्णा मंदिर पर ही मांगी थी मां अन्नपूर्णा ने भक्तों के कल्याण के लिए बिछा के रूप में अन्य देकर वरदान दिया था काशी में कभी कोई भक्त भूखा नहीं सोएगा

मां अन्नपूर्णा का घर है काशी . भोलेनाथ के विवाह के बाद माता पार्वती ने काशीपुरी में निवास की इच्छा जताई भगवान महादेव उन्हें लेकर काशी लेकर आ गए पार्वती को अपने घर का श्मशान होना नहीं भाया तब व्यवस्था दी गई कि कलिकाल में काशी में अन्नपूर्णा की पूरी बनेगी

धनतेरस से अन्नकूट के बीच अन्नपूर्णा की सोने की मूर्ति के दर्शन होंगे 2/3/4/5/10/2021 ko

आपका

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