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#Basant panchmiSaraswatI#Saraswati & shiksha#Saraswati puja#ASTRO#BASANT PANCHMI2022#vasturemedies

  • deepak9451360382
  • Jan 19, 2022
  • 2 min read

Updated: Feb 2, 2022

माघ मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी को बसंत पंचमी कहते हैं सरस्वती जयंती वागीश्वरी जयंती के नाम से भी जाना जाता है बसंत पंचमी को अबूझ मुहूर्त के रूप में जन-जन में प्रसिद्धि यह दिन विद्यार्थियों के लिए शिक्षक और साधकों के लिए विद्यालय संगीत अन्य कला पारीखक्यों के लिए साथ साथ अन्य व्यक्तियों के लिए भी महत्वपूर्ण है बसंत पंचमी को मां सरस्वती का प्रादुर्भाव होने के कारण सरस्वती जयंती के रूप में मनाया जाता है मां सरस्वती के जन्म को को लेकर के प्रथक प्रथक जानकारी वर्तमान में मोर और हंस पर विराजमान सफेद वस्त्र धारण कर चारभुजा वाली जिनके हाथ में वीणा और पुस्तक है सरस्वती को बुद्धि जानकारियों संगीत विज्ञान तकनीकी शक्ति माना गया है उक्त जानकारी भारत ज्योतिषाचार्य पंडित दीपक पांडे ने पुर

पुराणों तंत्र इत्यादि ग्रंथों में सरस्वती देवी को लेकर के विभिन्न प्रकार के प्रमाण प्राप्त होते हैं स्कंद पुराण में सरस्वती को भगवान शिव की पुत्री बताया गया है अधिक स्थानों पर ब्रह्मा जी की मुख्य शक्ति के रूप में उल्लेखित सरस्वती देवी का प्रादुर्भाव जगत पिता ब्रह्मा जी के बाई तरफ से होने का उल्लेख है स्थानों पर भगवान विष्णु से भी सरस्वती उत्पन्न बताया गया है


पंडित दीपक पांडे ने बताया सरस्वती ब्रह्मांड की तीन प्रमुख शक्तियों में से है महाकाली महालक्ष्मी सरस्वती जगत का पालन करने वाली प्रमुख सकती है 10 महाविद्याओं में म्हातारा का रूप सरस्वती है इनको नील सरस्वती भी कहा जाता है प्रलय पश्चात जब पुनः सृष्टि का का निर्माण होता है तो अंधकार से प्रकाश की ओर लौटती सृष्टि के प्रत्यूष कॉल की अधिष्ठात्री देवी सरस्वती है उस समय के प्रकाश के कारण काला रंग नीला सा प्रतीत हो रहा था नील सरस्वती कहा जाता है

पंडित दीपक पांडे नहीं बताया सरस्वती न केवल सनातन धर्म भूमि पूजनीय है बौद्ध धर्म में भी बौद्ध धर्म में सरस्वती को सुरक्षा प्रदान करने वाली देवी के रूप भारत में थाईलैंड चीन जापान श्रीलंका देशों में पूजनीय है

भारत में मां सरस्वती पूजा केवल बसंत पंचमी को ही की जाती है बल्कि भिन्न-भिन्न भागों में अलग-अलग पर भी सरस्वती की पूजा की जाती है महाराष्ट्र और दक्षिणी भारत के कई भागों में नवरात्र में सप्तमी और दसवीं तक पूजा की जाती है भारत पूर्वी भाग में पंचमी अर्थात बसंत पंचमी के दिन सरस्वती का पूजन किया जाता है

सरस्वती के कई प्रसिद्ध मंदिर हैं जहां पर दर्शन करने से सरस्वती की विशेष कृपा होती है गोदावरी के के तट पर स्थित आंध्र प्रदेश आदिलाबाद जिले में बस्तर नामक जानकी पर ज्ञान की देवी मां सरस्वती का मंदिर है

5/2/2022 ko hai





 
 
 

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