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Updated: Mar 22
सेवा में
संपादक जी
विषय .होलिका दहन के संबंध में
महोदय .
फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को होलिका दहन किया जाता है जो कि इस वर्ष 17 मार्च 2022 है जोकि रात्रि काल 1:11 से 2:37 तक होलिका दहन किया जाएगा यह जानकारी भारत के ज्योतिषाचार्य पंडित दीपक पांडे ने दी
होली एक सामाजिक पर्व है यह रंगों का त्योहार है इस पर्व को सब वर्णों भेदभाव पता करके बड़े उत्साह से मनाते हैं होली के दिन होलिका दहन होता है और कस्बों और गांवों में 20 दिन पूर्व ही गोबर के द्वारा बल्ले बनाए जाते हैं और उस पर छेद किया जाता है इनके जाने पर कुशी की रस्सी पर पिरो दिया जाता है होलिका दहन के दो-तीन दिन पूर्व खुले मैदानों में लक्कड़ और कंडे और बल्ले होलिका दहन के लिए रखे जाते और बल्ले की मालाएं उसी पर चढ़ाई जाती हैं
पूजन विधि . होलिका दहन के दिन सर्वप्रथम स्नान से निवृत हो हनुमान भैरव की पूजा करें फिर उन पर जल रोली माला चावल फूल गुलाब चंदन नारियल आदि रखें दीपक से आरती करें दंडवत प्रणाम करें सबकी रोली से तिलक करें और जिन देवताओं को आप मानते उनकी भी पूजा करें सिर्फ थोड़े से तेल सब बच्चों का हाथ हाथ से एक आग में दिखाना चाहिए लेना चाहिए
यदि किसी लड़के लड़की का विवाह वर्ष हुआ है तो होली के दिन उजमन करना चाहिए एक थाली पर तेरा जगह 4 4 पूरी और हलवा रखें उन पर अपनी श्रद्धा अनुसार कपड़े साड़ी तथा गोबर की 13 सुपारी माला रखें फिर उन पर हाथ फिर सासू जी पांव छू कर दे दे सुपारी की माला अपने घर में टांग दे
होली के दिन अच्छे-अच्छे भोजन भाई नमकीन आदि पकवान बनाएं फिर थोड़ा सभी सामान एक थाली में देवताओं के नाम निकाल कर के ब्राह्मण दान दे और स्वयं भोजन करें
आपका
पं. दीपक बद्री प्रसाद पांडे
