top of page
Search
deepak9451360382

# चतुर्मास#vastu#vasturemedies#vastutips#vastuforkitchen#vastuexpert#vastushastra#Vastu Kanpur#vastu

Updated: Jul 4, 2023


भगवान शिव के हाथों में सृष्टि का संचालन

हिंदू धर्म में चातुर्मास या चौमासा का विशेष महत्व होता है। चातुर्मास की शुरुआत हिंदू कैलेंडर के अनुसार आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी से होती है जो कि कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तक होती है। चातुर्मास की शुरुआत 29/6/2023 से हो गई है। चातुर्मास के दौरान भगवान विष्णु पूरे 4 महीने के लिए सृष्टि का संचालन भगवान शिव के हाथों में सौंपकर योग निद्रा में चले जाते हैं ।

ये चार महीने सावन, भाद्रपद, आश्विन और कार्तिक के होते हैं। इन महीनों में चार देवी-देवताओं की विशेष कृपा मिलती है। इस बार चतुर्मासा 29 से शुरू हो चुके हैं जो कि 27/11/2023 तक रहेगा। इस अवधि में विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश और तिलक जैसे कई कार्यों पर पाबंदी लग जाती है। इन शुभ कार्यों के लिए इस समय पंचांग में कोई शुभ मुहूर्त नहीं होते हैं। इसके अलावा भी चातुर्मास के दौरान कई तरह के कार्यों को करना वर्जित माना जाता है। चातुर्मास में आने वाले महीनों का धार्मिक रूप से महत्व होता है।

श्रावण मास

चातुर्मास का पहला महीना सावन होता है और इस महीने में देवाधिदेव महादेव की कृपा रहती है। अगर भक्त सावन के महीने में शिव जी की आराधना और उपासना सच्चे मन से करते हैं तो उनकी मनोकामना भगवान शिव अवश्य पूरी करते हैं। ये भगवान शिव का प्रिय महीना है। इस महीने में भगवान शिव की विधि-विधान के साथ पूजा करने से वैवाहिक जीवन में आ रही समस्याएं दूर हो सकती हैं ।

भाद्रपद माह

भाद्रपद में श्रीकृष्ण जी की विशेष कृपा रहती है। इस महीने में श्रीकृष्ण का प्राकट्य हुआ था। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार संतान प्राप्ति, संतान की उन्नति, जीवन में प्रेम, आकर्षण और सुख शांति के लिए यह महीना शुभ है। इस महीने में भगवान शिव की उपासना करनी चाहिए। इस माह में श्रीमद्भागवत का पाठ करना अत्यंत शुभ परिणाम देता है। ।

आश्विन माह

इस माह को शक्ति प्राप्ति का महीना माना जाता है। इस महीने में देवी की उपसाना की जाती है। आश्विन के महीने में ही पितरों की भी पूजा होती है। साथ ही मां दुर्गा की नवरात्रि भी आती है। इस माह में दुर्गा सप्तशती का पाठ अवश्य करना चाहिए।

कार्तिक मास

कार्तिक मास का महीना हिंदू धर्म में अत्यधिक पवित्र महीना है। ये चातुर्मास का अंतिम मास होता है। इस माह से देव तत्व मजबूत होते हैं। इस दौरान धन और धर्म दोनों से जुड़े प्रयोग किए जाते हैं। इस महीने में तुलसी रोपण और विवाह सर्वोत्तम होता है। इस महीने में दीपदान और दान करने से अक्षय फल की प्राप्ति होती है।

अगर आप इन महीनों में विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना करते हैं तो आपके जीवन में सुख-समृद्धि आएगी और पारिवारिक समस्याओं से छुटकारा मिल सकता है

Pt. Deepak Pandey

Astrologer & Vastushastra

www. Vaastuinkanpur. Com

2 views0 comments

Recent Posts

See All

Nawratri ka jwara

नवरात्रि के जवारे की वृद्धि,आनेवाले समय के शुभ-अशुभ संकेत। जवारे को भी शास्त्रों में मां का ही रूप माना गया है नवरात्रि में अलग-अलग घरों...

Comments


Post: Blog2_Post
bottom of page