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#chhath poja#छठ पूजा? नहाए-खाए, खरना और सुर्य अर्घ्य#VASTU MUMBAI#VASTU CHAUBEPUR#VASTU FARRUKABAD

Updated: Dec 22, 2021

छठ पूजा? नहाए-खाए, खरना और सुर्य अर्घ्य।


अंग देश के महाराज कर्ण सूर्य देव के उपासक थे, इसलिए परंपरा के रूप में सूर्य पूजा का विशेष प्रभाव इस इलाके पर दिखता है।


कार्तिक मास में सूर्य अपनी नीच राशि में होता है, इसलिए सूर्य देव की विशेष उपासना की जाती है ताकि स्वास्थ्य की समस्याएं परेशान ना करें षष्ठी तिथि का सम्बन्ध संतान की आयु से होता है, इसलिए सूर्य देव और षष्ठी की पूजा से संतान प्राप्ति और उसकी आयु रक्षा दोनों हो जाती है इस माह में सूर्य उपासना से वैज्ञानिक रूप से हम अपनी ऊर्जा और स्वास्थ्य का बेहतर स्तर बनाए रख सकते हैं।


छठ की पूजा विधि क्या है?

यह पर्व कुल मिलाकर चार दिनों तक चलता है इसकी शुरुआत कार्तिक शुक्ल चतुर्थी से होती है और सप्तमी को अरुण वेला में इस व्रत का समापन होता है कार्तिक शुक्ल चतुर्थी को "नहा-खा" के साथ इस व्रत की शुरुआत होती है इस दिन से स्वच्छता की स्थिति अच्छी रखी जाती है पहले दिन लौकी और चावल का आहार ग्रहण किया जाता है।


दूसरे दिन को "लोहंडा-खरना" कहा जाता है इस दिन लोग उपवास रखकर शाम को खीर का सेवन करते हैं खीर गन्ने के रस की बनी होती है इसमें नमक या चीनी का प्रयोग नहीं होता है तीसरे दिन उपवास रखकर डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है साथ में विशेष प्रकार का पकवान "ठेकुवा" और मौसमी फल चढ़ाया जाता है अर्घ्य दूध और जल से दिया जाता है चौथे दिन बिल्कुल उगते हुए सूर्य को अंतिम अर्घ्य दिया जाता है इसके बाद कच्चे दूध और प्रसाद को खाकर व्रत का समापन किया जाता है।


छठ की प्रमुख तिथियां

इस बार 8 नवंबर को नहाए-खाए से छठ पूजा की शुरुआत होगी 9 नवंबर को खरना होगा पहला अर्घ्य 10 नवंबर को संध्याकाल में दिया जाएगा और अंतिम अर्घ्य 11 नवंबर को अरुणोदय में दिया जाएगा।


छठ पूजा या व्रत के लाभ क्या हैं?

जिन लोगों को संतान न हो रही हो या संतान होकर बार बार समाप्त हो जाती हो ऐसे लोगों को इस व्रत से अदभुत लाभ होता है अगर संतान पक्ष से कष्ट हो तो भी ये व्रत लाभदायक होता है अगर कुष्ठ रोग या पाचन तंत्र की गंभीर समस्या हो तो भी इस व्रत को रखना शुभ होता है जिन लोगों की कुंडली में सूर्य की स्थिति ख़राब हो अथवा राज्य पक्ष से समस्या हो ऐसे लोगों को भी इस व्रत को जरूर रखना चाहिए।


व्रत की सावधानियां क्या हैं ?

ये व्रत अत्यंत सफाई और सात्विकता का है इसमें कठोर रूप से सफाई का ख्याल रखना चाहिए घर में अगर एक भी व्यक्ति छठ का उपवास रखता है तो बाकी सभी को भी सात्विकता और स्वच्छता का पालन करना पड़ेगा...


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