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महिलाओं की ज्योतिषी युग और रोग

स्त्री जनित कुछ विशेष ज्योतिषी योग

जिन महिलाओं की जन्मपत्रिका में लग्न एवं सप्तम भाव में राहु या केतु का संबंध होगा वह महिलाएं विशेष भावुक या उतावली या चंचल स्वभाव की होगी यदि शुक्र भी दूषित या कमजोर है तो प्रारंभिक जीवन में स्नेह का वातावरण या लड़कों से मिलजुल की प्रवृत्ति बढ़ेगी और यदि यही योग किसी पुरुष की कुंडली में है तो शुक्र की कमजोरी के कारण वह व्यक्ति स्त्रियों से दूर रहने में स्वयं को अधिक प्रसन्न पाएगा

जिन महिलाओं की जन्मपत्रिका में कहीं पर भी शनि मंगल का योग होगा तो उनके स्वभाव में व्याकुलता तीव्रता और कुछ भी कर गुजरने की आदत होगी यदि यह योग जन्मपत्रिका की 11वीं भाव में है तो संतान पासी दुखी होने के कारण मां आसन एवं व्याकुल चित्र रहने का स्वभाव होगा

कानपुर की जोशी पंडित दीपक पांडे ने बताया कि जिन महिलाओं की जन्मपत्रिका में शनि बलवान होकर की केंद्र भूमि स्थित होता है 19 स्वाभिमान की मात्रा अधिक होगी और आर्थिक पश्चिमी स्वार्थ को नीति अपनाई की धान की ओर उनका विशेष ध्यान होगा अन्य किसी व्यक्ति को उनकी परवाह नहीं होगी

जिन महिलाओं की जन्मपत्नी नीचे का चंद्रमा सप्तम में होता है ऐसी महिलाओं का विवाह प्रयाग छोटी उम्र में ही हो जाता है परंतु उनका स्वभाव एवं आकृति मधुर एवं सौम्य होती है साथ ही साथ उनके दयालु स्वभाव एवं सामाजिक क्षेत्र में अधिक रुचि के कारण लोग उन पर संदेह भी करते हैं

जिन जन्मपत्रिकाओं में पंचम पार्शनी सूर्य मंगल का प्रभाव होगा उनको संतान संबंधी सुख का अभाव हमेशा रहेगा जैसे संतान तो होगी किंतु रोगी उद्यान मूर्ख चरित्रहीन जिसके कारण माता-पिता सदैव चिंतित होंगे यदि सूर्य पंचम भाव में है तो प्रयाग एक ही पुत्र होता है और वह भी हमेशा रोगी बना रहता है

यदि जन्म पत्र कमी गुरु बुध एवं मंगल की युति होगी तो जीवन भर साधना अध्ययन में आसक्त होते भी भी महिला अपने पुत्र या पुत्रों के कारण विशेष चिंतित होगी परंतु वृद्धावस्था में इस व्यक्ति को आध्यात्मिक लाभ होगा

यदि आपकी जन्मपत्रिका की पंचम स्थान में बुध शुक्र की युति होगी तो ऐसी महिलाओं को प्राचीन विद्या तंत्र-मंत्र एवं छानबीन करने की प्रवृत्ति होगी और यदि परिश्रम करें तो थोड़े समय में किसी देवता की भी सिद्ध कर सकते हैं और कभी-कभी ऐसे व्यक्तियों को वाक् सिद्धि भी हो जाती है

कानपुर की जोशी पंडित दीपक पांडे ने बताया कि जिनकी केंद्र यात्रिकों में बुध गुरु या गुरु शुक्र का योग होता है उनको ज्योतिष समुदाय एवं मंत्र शास्त्री विशेष अभिरुचि होती है और इस योग वाले व्यक्ति चरित्रवान धार्मिक एवं आडंबर पसंद होते हैं नवीन खोज एवं लेखन कार्य में दक्ष होते हैं

जिन महिलाओं की जन्मपत्रिका में शुक्र राहु के साथ हो तो वह सत्संग व्यवहार की होती है यदि यह योग अष्टम स्थान में हो तो ऐसी कन्याएं विवाह करने की पक्ष में नहीं होती तथा विवाह उनको आंतरिक भाई लगता है जब उनके सामने विवाह के प्रस्ताव आते हैं तब यह विचित्र बहाना बनाकर के ऐसे अवसर को टाल दिया करती है



जिन महिलाओं की जन्म पत्रिका की जन्म लग्न मेष राशि का हो और चंद्रमा उच्च का होकर के द्वितीय भाव में होता है तो उनका दांपत्य एवं पारिवारिक जीवन सुखी रहता है परंतु इसी योग के साथी सप्तम स्थान में शनि हो और बृहस्पति छठे स्थान में हो तो यह महिलाएं जिद्दी मानसिक स्थिति एवं पथिक पति की अधिक परवाह करने वाली नहीं होती है

जिन महिलाओं की जन्मपत्रिका में शनि एवं मंगल दोनों का योग होता है वह कठोर क्रूर वचन बोलने वाली और कभी-कभी भावुकता बस अंतर जाति विवाह करने वाली परंतु सदैव आंतरिक क्लेश युक्त होती है

जिनकी जन्मपत्रिका में अष्टम एवं 12वीं स्थान पर या उनके स्वामियों से क्रूर ग्रह जैसे शनि मंगल और राहु का संबंध होगा उन्हें विदेश यात्रा करनी पड़ती है

जिन महिलाओं की जन्मपत्रिका भी शनि राहु का योग लगन से द्वितीय तृतीय या 12वीं भाव में होगा उनको लंबी यात्रा तो करनी होगी परंतु माजरा पान का भी सकता है

कानपुर की जोशी पंडित दीपक पांडे ने बताया कि जिनकी जन्मपत्रिका में लग्न अथवा द्वितीय स्थान में बृहस्पति किसी भी राशि में स्थित हो वह महिलाएं अध्ययनशील नवीन खोज करने की प्रवृत्ति भाषण पड़ता तर्क युक्त वाद विवाद में प्रीमियम प्रशासक अध्यापक अथवा न्यायाधीश होती है

जिन महिलाओं की जन्म पत्रिका में पंचम स्थान में शनि मंगल सूर्य एवं राहु अथवा केतु इनमें से किन्हीं दो का योग होता है इनको प्रसव संबंधी कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा और कभी-कभी गर्भपात भी हो सकता है या कभी ऑपरेशन के जरिए भी प्रस्ताव होता है

जिन महिलाओं की जन्मपत्नी लग्न पर शुक्रिया मंगल की दृष्टि हो तो वह डॉक्टर या बेड होगी अध्ययन का अवसर नहीं मिला होगा तो घरेलू दवा दारू में भी प्रवीण होगी

जिन महिलाओं की जन्मपत्नी शुक्रिया चंद्रमा द्वितीय स्थान पर होगा वह हस्तकला पाक विज्ञान एवं कविता तथा संगीत कला में प्रवीण होगी यदि ऐसी योग वाली महिलाएं शिक्षा से वंचित रहे तो भी इनको काव्य ग्रंथ और संगीत में अभिरिच होने का लक्षण रहेगा

जिन महिलाओं की सप्तम स्थान में गुरु हो तो उनका स्वरूप एवं व्यक्तित्व अवश्य प्रभावशाली होगा बुद्धि भी तीव्र होगी परंतु इनका पति संबंधी परेशानी अवश्य रहेगी

कानपुर की जोशी पंडित दीपक पांडे ने बताया कि जिन महिलाओं की कुंडली में पंचम स्थान में गुरु चाहे उच्च का ही क्यों ना हो अपने पुत्रों की ओर से व्याकुलता बनी रहेगी यदि पंचम स्थान में केवल शुक्र हो तो ऐसी महिलाएं पुत्रों की अपेक्षा कन्याओं को अधिक चाहेंगे और गुप्त रूप से उनका धन देंगे

जिन महिलाओं की कुंडली में शनि मंगल राहु केतु का योग गति सप्तम अथवा अष्टम स्थान में होगा उनका विवाह के कुछ समय बाद से ही पति से पृथक होना पड़ता है

जिनकी जन्मपत्रिका की चतुर्थ पंचम अथवा नवमी गुरु चंद्रमा एवं शुक्र इनमें से किसी दो ग्रहों का उपयोग हो तो निश्चित रूप से सौभाग्य धन एवं संतान सी युक्त रहेंगे

जिन महिलाओं की जन्मपत्रिका में शुक्र मंगल की साथ होगा वह अधिक कामुक होगी और पति से असंतुष्ट रहेंगे इसकी विपरीत यदि जिनका शुक्र और सनी अथवा राहु केतु से युक्त होगा वह नीरज स्वभाव उदासीन प्रवृत्ति एवं गृह जीवन में कमरा लेने वाली होगी कभी-कभी भी सन्यास भी ले सकती है उक्त जानकारी कानपुर की जोशी पंडित दीपक पांडे ने दी

Pt. Deepak Pandey vastu Shastra consultant & astrologer

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