- deepak9451360382
#मकर संक्रांति का महत्व#Makar Sankranti#Makar Sankranti 2022#how are you maker Sankranti astrolger
मकर संक्रांति का महत्त्व मान्यताएं
प्रत्येक वर्ष जनवरी माह में संक्रांति आती है सूर्य सुधा का स्त्रोत है और मकर संक्रांति इसके शनदोहन का पुण्य पर्व है सूर्य उपासना के सर्वकालिक एवं सर्व हैं
मकर संक्रांति की विशेषता यह है कि भारत के प्रत्येक अंचल में किसी ना किसी रूप में अवश्य ही मनाया जाता है तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश की कुछ भागों में इसे महत्वपूर्ण त्योहार को विशाल स्तर पर कई दिनों तक मनाया जाता है आंध्र प्रदेश में तो होगी बऒगी पोंगल तथा पोंगल कहते हैं पोंगल तमिल नाडु के पुराने त्योहार में से एक है इसका संबंध धरती माता से है उक्त जानकारी भारत के पंडित दीपक पांडे ने
मकर संक्रांति के दिन से कर्क संक्रांति की अवधि उत्तरायण कहलाती है उत्तरायण देवता का दिन है जबकि दक्षिणायन देवताओं की रात्रि है इस प्रकार मकर संक्रांति देवताओं का दिन प्रारंभ होता है इसी कारण मुहूर्त में संक्रांति और उत्तरायण विशेष महत्व है ..
पंडित दीपक पांडे ने बताया की भगवान श्री कृष्ण ने कहां है जो मनुष्य उत्तरायण मृत्यु प्राप्त करता है वाह परम ब्रह्म को प्राप्त होता है जबकि दक्षिणायन मृत्यु प्राप्त करने वाले स्वर्ग लोक में अपने शुभ कर्मों का फल भोग कर वापस लौट आती है
पंडित दीपक पांडे ने बताया की संक्रांति के दिन तिल मिले जल से स्नान करने का महत्व है कर संक्रांति के मकर संक्रांति के दिन ब्रह्मा मुहूर्त स्नान करना चाहिए काले तिल से निर्मित भोजन करना उत्तम होता है आराधना के लिए काले तिल के तेल से दीपक का उपयोग करना माना गया है शुभ माना गया है मकर संक्रांति दिन निरंतर स्नान और ध्यान पश्चात काले तिल का तेल आंवला वस्त्र कंबल इत्यादि निर्धनों को एवं देवालय दान देने से अपना तथा अपने कुल के पितरों का यमलोक से उद्धार होता है
धर्म शास्त्रों के अनुसार मकर संक्रांति में लकड़ी से बनी हुई वस्तु अग्नि माचिस लाइटर दान है