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- deepak9451360382
- May 5, 2023
- 2 min read
Updated: Dec 25, 2023
*वैशाख पूर्णिमा आज*
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वैशाख पूर्णिमा का महत्व धार्मिक दृष्टि से बहुत ही खास माना जाता हैं। इस दिन भगवान विष्णु के नवें अवतार महात्मा बुद्ध प्रकए हुए थे। इसलिए इसे बुद्ध पूर्णिमा भी कहते हैं। वैशाख पूर्णिमा के दिन घर पर सत्यनारायण भगवान की कथा करवाने से सुख शांति स्थापित होती है और घर से हर प्रकार की बुरी शक्तियां समाप्त होती हैं।
वैशाख पूर्णिमा का शास्त्रों में बहुत ही खास महत्व बताया गया है। इस दिन दान-पुण्य और धार्मिक कार्य करने का विशेष महत्व माना जाता है। वैशाख पूर्णिमा 5 मई 2023, शुक्रवार को पड़ रही है। मान्यता हैं, कि वैशाख पूर्णिमा पर ही भगवान विष्णु के 9 वें अवतार माने जाने वाले महात्मा बुद्ध प्रकट हुए थे। इस दिन को बौद्ध धर्म के लोग उत्सव के रूप में मनाते हैं। वैशाख पूर्णिमा पर व्रत करने और पितरों के नाम से उनकी पसंद की वस्तुएं दान करना बेहद शुभ माना जाता है। इसे कुर्म जयंती के रूप में भी मनाया जाता है। इसके पीछे मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु के कुर्म अवतार यानी कच्छप अवतार भी हुए थे।
*5 मई 2023 वैशाख पूर्णिमा का चंद्र ग्रहण भारत में महत्वहीन*
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वैशाख पूर्णिमा पर साल का पहला चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है। हालांकि यह भारत में दिखाई नहीं देगा जिसकी वजह से इसका किसी भी प्रकार का धार्मिक प्रभाव भारतवर्ष में नहीं होगा सूतक भी यहां पर मान्य नहीं होगा। रात के 8:45 से प्रारंभ होगा और देर रात 01:02 बजे समाप्त होगा. इस चंद्र ग्रहण को यूरोप, एशिया, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, प्रशांत, अटलांटिक, हिंद महासागर, अंटार्कटिका में देखा जा सकेगा. ये उपच्छाया चंद्र ग्रहण होगा.
*वैशाख पूर्णिमा का महत्व*
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वैशाख पूर्णिमा के अवसर पर किसी पवित्र नदी में स्नान करने का विशेष महत्व माना जाता है। पूर्णिमा पर चंद्रमा की पूजा करते हुए उन्हें अर्घ्य देने से आपको बेहतर स्वास्थ्य और सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है। इस दिन घर में सत्यनारायण भगवान की कथा करवाने का भी विशेष महत्व होता है। आपकी धन और संपदा में वृद्धि होती है। गंगा का स्नान करने से सभी दुखों का अंत होता है और कई जन्मों के पाप से मुक्ति मिलती है।
चंद्रमा को अर्घ्य देने का समय: शाम को पौने सात बजे
लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त: 5 मई को रात में 11 बजकर 56 मिनट से 6 मई को 12 बजकर 39 मिनट तक
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