पत्थर से बनी हुई भावनाओं का वस्तु विश्लेषण पंडित दीपक पांडे
प्राचीन काल से ही भारतीय राजा महाराजा अपने की राज महल मंदिर स्तूप बावड़ी रंगशाला आदि का निर्माण किस प्रकार करवाते आए हैं कि भवन भाव दिखाई देने की साथ-साथ उसमें मजबूती और स्थायित्व भी हो और इस भव्वता को मजबूती प्रदान करने के लिए ही निर्माण में बड़े-बड़े पत्रों का उपयोग किया जाता था मिश्रा के पिरामिडेन को इन्हीं जोड़ के पिरामिडेन को स्थापित प्रदान करने के लिए वहां के तत्कालीन राजाओं ने भी यही किया था कहीं ना कहीं अंग्रेजों ने भी भारत में इसी प्रकार की बड़ी-बड़ी इमारतें बनवाई जिसका सबसे अच्छा उदाहरण है भारत का राष्ट्रपति भवन और संसद भवन इस दौरान ज्यादातर डाक बंगले गेस्ट हाउस और कई भवनों की चारदीवारी बनाने में पत्रों का विभिन्न प्रकार के पात्रों का उपयोग किया गया 1996 की बात एवं उसके बाद भारत में विशेष तौर पर दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में बनने वाले फूलों की फ्रंट एलिवेशन में पत्थरों का बहुत ज्यादा उपयोग किया गया उसे समय बनने वाले कई भवनों में धौलपुर जोधपुर स्थान की पत्रों की छोटी-छोटी और लंबी-लंबी सिंधिया इस प्रकार का कट करके लगाई गई जिससे ऐसा प्रतीत होता है कि पूरा मकान पत्थर का ही बना हुआ है तो कई घरों में विभिन्न प्रकार के तिलिंग घर के फ्रंट में और चारदीवारी में लगाई गई और इस तरह पत्थरों से बनी भवन लंबे समय तक टिके तो रहते हैं लेकिन उनके मालिक समय-समय पर बदल जाते हैं अथवा यूं कहीं की ऐसे हालात बनते हैं कि उनके मालिक बदलते रहते हैं जैसी वह थोड़े समय के लिए ही भी उसे भवन में यात्री की तरह आए वहां रुक ठहरे और चले गए डाक बंगले गेस्ट हाउस या इसी प्रकार के पत्तों के बने भवन लंबे समय तक रहने के लिए नहीं होते हैं क्योंकि इनमें रहने वालों को इसे छोड़कर के बाहर निकलना ही पड़ता है और यदि वह व्यक्ति किसी हालत के तहत लंबे समय तक यहां रुक जाए तो ऐसी में चाहे वह व्यक्ति यात्री हो अथवा राजा हो उसे बहुत कठिनाइयों और मसाले का सामना करना पड़ता है उसकी कमाने की स्रोत बड़े कठिन होते हैं और जो भी कमाया होता है वह भी बिना किसी कारण के खर्च हो जाता है
भारत के वास्तु शास्त्र विशेषज्ञ पंडित दीपक पांडे ने बताया कि पत्थर के बने मकान दीवार अथवा स्टोन पिलर का प्रतिनिधित्व भारतीय ज्योतिष में मंगल ग्रह करता है शनि और राहु ग्रह मंगल के शत्रु होते हैं और ऐसे में निश्चित समझना चाहिए कि जब आपका शनि दुश्मन बना हुआ है तो ऐसे मकानों में रहने वाली अथवा उपयोग में लेने वाले कैसे सुखी रह ही नहीं सकते हैं उसी प्रकार छाया ग्रह राहु भी वहां रहने वालों के लिए शुभ नहीं माना जाता है और यदि ऐसे पत्थरों से बनी हुई मकान में अंधेरा हो तो वहां भूत प्रेत आदि निवास करते रहते हैं अथवा यूं कह सकते हैं कि ऐसे घरों में इतनी ज्यादा नकारात्मक ऊर्जा होती है जिससे वहां भूत प्रेत होने का एहसास होने लगता है
भारत के वास्तु शशि पंडित दीपक पांडे जी बताया कि पत्थरों से बनी कई प्राचीन इमारतें विशेष कर कुछ किलो के बारे में कहा जाता है कि वह अभिसापित है वहां कई प्रकार की अनुनाई घटनाएं घटी है जोर जब उनका वास्तविक करते हैं तो पाते हैं कि पुराने जमाने में ज्यादातर बड़े निर्माण कार्य लाल पत्थरों से ही की गए हैं जो की मंगल का प्रतिनिधित्व करते हैं और ऐसे किलो की बनावट में यदि किसी प्रकार का वास्तु दोष हो जाए तो उन देशों से उत्पन्न होने वाले प्रभाव का सामना वहां रहने वालों को करना पड़ता है और करना पड़ा है जैसे किसी के नेतृत्व में दोष रहता उन्हें अपने शत्रुओं का सामना करना पड़ा कई बार अपने से ज्यादा शक्तिशाली तत्वों के दबाव में आना पड़ा हालात के तहत हथियारों का उपयोग हुआ मित्र राजाओं से जाने अनजाने में विवाद हुए और कई बार वह मुश्किलों में भी फंस गए और शत्रुओं के द्वारा मान सम्मान में कमी आ ही गई क्योंकि नृत्य पूर्ण का प्रतिनिधित्व राहु करता है राहु मंगल का यह सहयोग ही इस प्रकार के हालात पैदा कर देता है
भारत की वास्तु शास्त्री पंडित दीपक पांडे जी बताया कि पुराने जमाने में सभी के लिए राजमहल मंदिर स्तूप बावड़ी भारत की वास्तु शास्त्री पंडित दीपक पांडे जी बताया कि पुराने जमाने में सभी के लिए राजमहल मंदिर स्तूप बावड़ी रंगशाला आदि के निर्माण वास्तु सिद्धांतों के अनूप किए गए हैं लेकिन यह पोता गलत है ज्यादातर निर्माण कार्य में कहीं ना कहीं वास्तु दोष है इसलिए उनमें रहने वालों को वास्तु दोष के अनुसार अपने जीवन में कठिनाइयों और हाथों का सामना करना पड़ा है
भारत की वास्तुशी पंडित दीपक पांडे ने बताया कि जब तक आपके ग्रह अच्छे रहते हैं तब तक वासुदेव का प्रभाव नजर आपके जीवन में नहीं आता है परंतु जैसे ही आपकी ग्रह दशा निर्बल पढ़ने लगती है तब वास्तु दोष का असर प्रारंभ हो जाता है और तब आप देखते हैं वास्तु शास्त्र के सिद्धांतों की विपरीत बने भवन में रहने वाले लोग अनेक प्रकार के दुख कासन और रोगों से पीड़ित हो जाते हैं इसकी विपरीत यदि मनुष्य वास्तु शास्त्र के अनूप बने हुए भवन में रहता है और उसकी ग्रह भी निर्मल होते हैं तो भी उसका जीवन सामान्य ढंग से सुख शांति के साथ व्यतीत होता रहता है
भारत की वास्तु शास्त्र विशेषज्ञ पंडित दीपक पांडे ने बताया कि पत्थर अहंकार और का प्रतिनिधित्व करता है और मिट्टी अध्यात्म एवं पवित्रता का प्रतिनिधित्व करती हैं और मिट्टी का प्रतिनिधित्व ग्रह बुध ग्रह है और वह मकान जिन्हें मिट्टी से जोड़ करके बनाया जाता है वहां बुद्ध और मंगल के प्रभाव का मिला-जुला असर देखने को मिलता है यदि किसी घर के सामने पत्थर का बना आशियाना हो तो उसे घर में रहने वाला परिवार कभी भी किसी भी तरह तरक्की नहीं कर सकता है उनके बच्चों को पढ़ाई में बहुत वाइन बढ़ाएं आती है वह उसके शत्रुओं से उसकी तकलीफ होती है यदि पत्थरों से बना आशियाना पुराना क्षतिग्रस्त अथवा टूटा फूटा हो तो उसमें रहने वालों के साथ-साथ आसपास रहने वाले घरों में भी भाग हीनता रहती है गरीबी और दृढ़ता बनी ही रहती है पीछे होने पर भी यही परिणाम प्राप्त होते हैं
भारत की वास्तु शास्त्र विशेषज्ञ पंडित दीपक पांडे ने बताया कि यदि किसी घर के ठीक सामने कोई पत्थर या स्टोन पिलर है तो उसे घर का मुखिया लड़ाई झगड़ा पसंद करने वाला आगे बढ़कर के दुश्मनी मोल लेने वाला और यदि कोई बड़ा पत्थर करके मुख्य द्वार की एकदम सामने आता है तो ऐसे घर में रहने वाले दंपति की आपसी संबंध सौहार्दपूर्ण नहीं रहते हैं और भी आपस में लड़ते हैं एक दूसरे पर आरोप लगाते हैं और कभी-कभी ऐसा समय भी आता है कि दोनों अपनी-अपने रास्ते भी चले 9451 360 382
भारत की वास्तु शास्त्र विशेषज्ञ पंडित दीपक पांडे ने बताया कि यदि किसी घर में बड़ा पत्थर हो अथवा बड़े पत्थर का बना कोई स्लैब हो अथवा घर के सामने कोई छोटी पहाड़ी हो तो ऐसी स्थिति में उसके बच्चे भाई में रहते हैं और उनके जीवन में सरलता नहीं होती है साथ ही साथ घर का मुखिया आराम परस्त भी होता है
भारत की वास्तु शास्त्र विशेष पर दीपक पांडे ने बताया यदि कोई भवन अथवा उसकी कंपाउंड वॉल पत्रों से बनी हो तो इस दोष को दूर करने का एकमात्र उपाय है कि उसे सीमेंट अथवा मिट्टी से तक देना चाहिए अर्थात प्लास्टर कर देना चाहिए
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