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ड्राइंग रूम और वास्तु शास्त्र

ड्राइंग रूम और वास्तु शास्त्रवास्तु शास्त्र के अनुसार बनाएं ड्राइंग रूम

आज की जीवन शेलिबिंग भवन में ड्राइंग रूम का महत्व बढ़ गया है भारत में चाहे इसे ड्राइंग रूम कहते हैं पश्चात आप देश में इस लिविंग रूम इस कमरे की सारे इसके सारे पारिवारिक सदस्य बैठते हैं मिलते हैं और अपना सुख दुख आपस में आपकी मानसिकता को स्वास्थ्य प्राप्त होता है आगे के दिन के लिए किसी ड्राइंग रूम से उत्साह भर जाता है परंतु आपकी भारत की ड्राइंग रूम एक किसान की चीज होती है इसमें अच्छा सा सोफा फर्श पर कालीन बिछा देते हैं परंतु यह सब मेहमानों के लिए होता है कालीन को धूल मिट्टी से बचने के लिए लपेट देते हैं सोफों को ढक देते हैं जो भवन में एक खाली स्थान पड़ा रहता है जो अशुभ है इससे नकारात्मक प्रभाव को कम करने के लिए इसका सदा प्रयोग करना चाहिए किसी आपस में संवाद का स्थल बनाना चाहिए जिससे आपके घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव उत्पन्न

सबसे पहले आपको ड्राइंग रूम के स्थान का चयन करना चाहिएआजकल वास्तु शास्त्र को जाने वाले कई लोग ड्राइंग रूम को उत्तर पुर में बनाने की सलाह देती है जो की अत्यंत ही उत्तम स्थान है उत्तर पूर्व दिशा से सवेरे के सूर्य की किरणें ड्राइंग रूम में प्रवेश करती है और यह दिशा शांति भगवान की कृपा होती है परिवार के सदस्यों में प्रेम सौहार्द बढ़ता है आपका स्वास्थ्य उत्तम होता है तथा भगवान की कृपा होती है जिससे आपके जीवन में समृद्धि बढ़ती है इसलिए ड्राइंग रूम को लिविंग रूम बनाना चाहिए नींद से उठने के बाद चाय आदि इसी कमरे में पीनी चाहिए ताकि निकलती हुई सूर्य का प्रकाश आपका पारिवारिक सदस्यों के स्वास्थ्य को बढ़ाएं परंतु आजकल माता-पिता एवं बच्चे अपने-अपने बेडरूम में ही चाय आदि पीते हैं जो की वास्तु शास्त्र के अनुसार अशुद्ध इसलिए लिविंग रूम पूर्व किसान या उत्तर दिशा में होना उत्तम रहता है

ड्राइंग रूम परिवार की हैसियत का भी दर्पण है इस कारण परिवार की सदस्य इसको अच्छा सजा करके रखना चाहते हैं परंतु सजावट के साथ-साथ यहां बैठने का क्रम भी परिवार के सदस्यों को सूचना चाहिए परिवार की मुखिया की बैठने का स्थान किस प्रकार से निश्चित करना चाहिए कि उसकी नजर ड्राइंग रूम में प्रवेश द्वार पर आसानीसे ड्राइंग रूम का दरवाजा दक्षिण पूर्व दक्षिण पश्चिम में नहीं होना चाहिए भारत की पूर्वी हवा ज्यादा चलती है इसलिए ड्राइंग रूम का दरवाजा किस या पूर्व किसान या उत्तर ईशान में होना चाहिए ताकि परिवार का मुखिया दक्षिण या दक्षिण पश्चिम में बैठकर के उत्तर किसान या पूर्वी किस को आसानी से देख सकता हूं एक कहावत है फर्स्ट इंप्रेशन इस द लास्ट इंप्रेशन के बारे में भी है ड्राइंग रूम का फर्नीचर फ्लोरिंग और लाइटिंग दीवारों पर चित्र दीवारों के रंग सब अपना अपना प्रभाव डालते हैं

फर्नीचर ड्राइंग रूम मित्रता की गतिविधियां होती है कभी ताश के लिए जाती है तो कभी खाया पिया जाता है इसे वहां केवल फर्नीचर लगे जो जरूरी है आवश्यकता पड़ने पर फर्नीचर को इधर-उधर भी किया जा सके फर्नीचर हल्का एवं छोटा होना चाहिए घर में जगह की कमी के कारण बेकार पड़े सामान को ड्राइंग रूम में जहां तक संभव हो जाए सोफा सेट टेबल के अलावा अपनी एसटीडी टेबल या डाइनिंग टेबल या कंप्यूटर टेबल आदि को ड्राइंग रूम में एक सामान्य नियम के अनुसार सोफा सेट में संतुलित बनाने के लिए सूफी के साथ दो छोटी चेयर या छोटे सोफे होने चाहिए जिनको आवश्यकता के अनुसार इधर-उधर हो सकती चेयर को सोफे के बीच में रखें

फ्लोरिंगड्राइंग रूम में आमतौर पर हर्ष पर गलीचा या कारपेट बढ़ा दिया कारपेट में धूल इकट्ठी होती है तथा वर्ष के दिनों में बदबू भी आने लगती इसलिए ज्यादा पसंद किया जाता है

सेंट्रल टेबल प्रतीक ड्राइंग रूम में एक सेंट्रल टेबल होती है सेंट्रल टेबल इस प्रकार से होनी चाहिए तथा उतनी बड़ी होनी चाहिए जिससे ड्राइंग रूम में घूमने में अशुभता कम से कम तथा प्रत्येक व्यक्ति की पहुंच में छोटी-छोटी टैबलेट अवश्य होनी चाहिए जहां ड्राइंग रूम में बैठने वाले का हाथ आसानी से टेबल पर पड़ी हुई वस्तु तक पहुंच जाए

लाइटिंग ड्राइंग रूम को आकर्षक बनाने के लिए लाइट का विशेष महत्व किसी विशेष पेंटिंग या शिल्प कला पर लेंस का प्रयोग किस प्रकार से होना चाहिए कि उसे वस्तु पर आवश्यक प्रकाश या रिफ्लेक्शन ड्राइंग रूम में अनावश्यक सुविधा देने वाला प्रकाश नहीं होना चाहिए तथा प्रकाश काम भी नहीं होना चाहिए

दीवारों के रंग ड्राइंग रूम की दीवारों का रंग हल्का एवं आरंभिक होना चाहिए यह हल्का प्रेम सफेद या नीला और हार भी हो सकता है परंतु गहरा काला लाल आदि नहीं होना चाहिए

कलर

नंनं घड़ियां आजकल बहुत सुंदर एवं खूबसूरत वॉल क्लॉक बाजार में उपलब्ध ड्राइंग में उनका उत्तर दिशा की दीवार पर सजाना चाहिए उत्तर दिशा आपके धन का स्थान है उसमें क्रियाशीलता से ही आपका धन बढ़ता है शोकेस एवं सेल्फ ड्राइंग रूम में शोकेस एवं सेफ अलमारी होनी चाहिए उत्तर एवं कुरुक्षेत्र कितना हल्का रहेगा उतना ही उत्तम रहेगा

सफारी एवं एक्वेरियम एक्वेरियम का प्रयोग उत्तर सवारी और एक्वेरियम को क्रियाशीलता का प्रतीक माना गया है इसलिए इनको उत्तर दिशा में रखना चाहिए क्रियाशीलता से ही समृद्धि आती है

चित्र एवं दृश्य ड्राइंग रूम की दीवारों पर उत्साह वाले चित्र दक्षिण एवं पश्चिम की दीवारों पर लगा सकते हैं अपनी बुजुर्गों के चित्र लगा सकते हैं दीवार पर दक्षिण पश्चिम आदि

दीवारों पर लगा सकते हैं अपने बुजुर्ग के चित्र दक्षिण दीवार पर लगाए जा सकते हैं परंतु भगवान की चित्र आदि नहीं लग जा सकते ड्राइंग रूम में हम प्रत्येक तरह का अनुभव देखते हैं किसी के साथ भक्तों को राम-राम को वास्तु शास्त्र के अनुसार ड्राइंग रूम वास्तु के अनु बनाना चाहिए#वास्तुशास्त्र#VASTU#VAASTU#vastu kanpur#vastu luck

93053703⁹

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