गृहारम्भमुहूर्त
गृहारम्भहेतुआयताकारववर्गाकारप्लाटठीकमानाजाताहैवास्तुशास्त्रकेनियमानुसारमकारबनातेसमयपूर्वोत्तभागखालीहोनाचाहियेऔरभूमिगतटैंकवढालभीपूर्वयाउत्तरकीओरहोनाचाहिये।ड्राईगरूम, गेस्टरूमवसीढ़ियापरिश्मात्तरबैडरूमदक्षिण-पश्चिममेंकिचिनदक्षिणपूर्वमेंबाथरूमवपूजापूर्वमेंहोनाचाहिये।ऐसाहोनेपरघरधनधान्यवसुखशान्तिसेभरापूराहोताहै।
शुभतिथियां–
शुक्लपक्षकीपूर्णिमाऔरदोनोंपक्षोंकी 2, 3, 5, 6, 7, 10, 11, 12, 13 तिथियां।
शुभवार–
सोमवार, बुधवार, गुरूवार, रेवती, रोहिणी, तीनोंउत्तरा, पुष्य, हस्त, स्वाति, धनिष्ठा, शतमिषा।
शुभनक्षत्र–
मृगशिरा, चित्रा, अनुराधा, रेवती, रोहिणी, तीनोंउत्तरा, पुष्य, हस्त, स्वाति, धनिष्ठा, शतमिषा।
शुभलग्न–
वृष, सिंह, वृश्चिक, कुम्भआदिसभीस्थिरलग्न।
शुभमास–
वैसाख, श्रवण, कार्तिक, मांगशिष, पौष, माघऔरफाल्गुन।
नींवकीईंटयापत्थर–
सूर्य 2, 3, 4 राशिमेंहोतोदक्षिणपश्चिममेंसूर्य 5, 6, 7 राशिमेंहोतोदक्षिणपूर्वमेंसूर्य 8, 9, 10 राशिमेंहोतोउत्तरपूर्वमेंऔरसूर्य 11, 12, 1 राशिमेंहोतोउत्तरपश्चिममेनीवकीईंटयापत्थररखनाचाहिये।
नोट–भद्राहोना, गुरूयाशुक्रकाअस्तहोनाअधिकमासहोनाक्रान्तिमासहोनासक्रान्तिकादिनहोनागृहणपड़नातिथिपक्षयातिथिवृद्धिहोनाविष्कुम्भआदिदुष्टयोगहोना कूटग्रहभूतिवेधदोषआदिकागृहारम्भमेंनिषेधहै।
सूर्यनक्षत्रसेचन्द्रनक्षत्रतक 5, 7, 9, 12, 19, 26वींगिनतीपड़नेवालेनक्षत्रकीसमयावधिभरापनकालाहोताहै।अतःइसमेंभीगृहारम्भनिषेधहै।
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