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गणेश चतुर्थी

श्रीगणेश की स्थापना का शुभ मुहूर्त


भगवान गणेश का जन्म मध्याह्न काल (दोपहर) के दौरान हुआ था। ऐसे में मध्याह्न के समय को गणेश स्थापना और पूजा के लिए उपयुक्त माना जाता है। इस मुहूर्त में की गई पूजा को षोडशोपचार गणपति पूजा के नाम से जाना जाता है।


भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी पर सात सितंबर को शुरुआत होगी। 10 दिन चलने वाला गणेश उत्सव के दौरान पूरे प्रदेश भर में धूम रहेगी।


07 सितंबर गणेश स्थापना का शुभ मुहूर्त


अभिजीत मुहूर्त: सुबह 11:54 से दोपहर 12:44 तक


विजय मुहूर्त: दोपहर 02:24 से दोपहर 03:14 तक


सर्वार्थ सिद्धि योग: दोपहर 12:34 से अगले दिन सुबह 06:03 तक


रवि योग: सुबह 06:02 से दोपहर 12:34 तक


17 सितंबर: गणेश विसर्जन का शुभ मुहूर्त:


विसर्जन के दिन अनंत चतुर्दशी रहती है। भक्तों को गणेशजी के साथ भगवान अनंत की पूजा भी करनी चाहिए

अभिजीत मुहूर्त: सुबह 11:51 से दोपहर 12:40 तक


विजय मुहूर्त: दोपहर 02:18 से दोपहर 03:07 तक


भगवान गणेश की स्थापना का शुभ समय क्या?

भगवान गणेश का जन्म मध्याह्न काल (दोपहर) के दौरान हुआ था। ऐसे में मध्याह्न के समय को गणेश स्थापना और पूजा के लिए उपयुक्त माना जाता है। अंग्रेजी समय के अनुसार, मध्याह्न काल दोपहर के तुल्य माना गया है। इस मुहूर्त में जो भक्त विधि-विधान से करते हैं पूजा को उसे षोडशोपचार गणपति पूजा के नाम से जाना जाता है।


कैसे करें भगवान गणेश की स्थापना?


भगवान गणेश के स्वरूप की बैठी हुई मिट्टी की मूर्ति स्थापित करें, जिसकी सूंड दाईं ओर हो, मूषक हो और जनेऊधारी हो।


शुभ मुहूर्त में ही स्थापना करें, खासकर मध्यान्न काल में।


श्रीगणेश मूर्ति को घर की उत्तर दिशा या ईशान कोण में स्थापित करें। वह जगह शुद्ध और पवित्र होनी चाहिए।

गणेशजी की मूर्ति का मुख पश्चिम दिशा की ओर होना चाहिए।


लकड़ी की चौकी पर लाल या पीला वस्त्र बिछाकर ही भगवान को स्थापित करें।


एक बार गणेश मूर्ति को जहां स्थापित करें, फिर वहां से विसर्जन के समय तक हिलाएं नहीं।


गणपति स्थापना के दौरान मन में बुरे भाव न लाएं और न ही कोई बुरा कार्य करें।


स्थापना के दौरान घर में तामसिक भोजन न बनाएं, केवल सात्विक भोजन करें।


गणेशजी की स्थापना के बाद प्रतिदिन सुबह-शाम पूजा करें और भोग लगाएं।


स्थापना के बाद विधि-विधान से पूजा-आरती करें और फिर प्रसाद वितरण करें।

पंडित दीपक पाण्डेय 9451360382

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